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शनिवार, १६ डिसेंबर, २०१७

ये हमारी बात है


चंद भूले बिसरे, चंद गहरे जज्बात हैं
ये बस कुछ रोज पुरानी बात है

सुबह सूरज से पहले उठना है,
सफेद कपडे पहनकर भी मिट्टीपे बैठना है,
वर्गमित्रोंसे मुकाबले कडे हैं मगर कड़वे नहीं,
न शह है उनमें अपनी और न उनकी मात है,
ये बस कुछ रोज पुरानी बात है.!!

हिंदी अंग्रेजी इतिहास की पसंदीदा क्लास है,
विज्ञान, चित्रकला, म्यूज़िक की तो हर बात ख़ास है,
SUPW, PT तो अपना फेवरेट टाइमपास है, 
बस मैथ्स का होना यही एकमात्र आघात है, 
ये बस कुछ रोज पुरानी बात है.!!

डेढ़ बज गए अब और क्या सोचना है,
बस खाने के बाद स्टडी में सोने से बचना है,
आज किस हाउस की मेस में परोसने की बारी है?
देखो उसे चपाती चाहिये जिसने उठाया ऊँचा हाथ है,
ये बस कुछ रोज पुरानी बात है.!!

शाम को फ्रूट के बाद ग्राऊंड तो सबसे प्यारा है,
असेम्ब्ली में हर हाऊस का अपना अपना नारा है,
रात दस बजे तक होमवर्क करना पूरा है,
कितना लम्बा दिन था, और कितनी छोटी रात है,
ये बस कुछ रोज पुरानी बात है.!!

छोटी सी दुनिया के छोटे छोटे ख्वाब हैं, 
हर मुश्किल सवाल के बड़े सरल जवाब हैं,
स्केल पे नापा था मैंने कई बार,
वो क्लासरूम का दायरा ही मेरी कायनात है..
ये बस कुछ रोज पुरानी बात है.!!

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