एक शाम चुपचाप खामोश सी आएगी..
रात की सतह पर ज़िन्दगी सफ़ेद चादरों में लिपटी
बे-खरोश सी पड़ी रहेगी..!!
रात की सतह पर ज़िन्दगी सफ़ेद चादरों में लिपटी
बे-खरोश सी पड़ी रहेगी..!!
बे-खरोश=silent,dead
फ़ज़ा-ए-मुर्दा-ए-दिल में गूंजेंगी..
गम-ए-हिजरां के सन्नाटों की मौसीकी..
फिर दांव पर लगाएगी ये
मुझ से कई मख्मुरों की आशिकी..!!
इसी महफ़िल में फिर किसी से रूठ सी जाएगी..!!
गम-ए-हिजरां के सन्नाटों की मौसीकी..
फिर दांव पर लगाएगी ये
मुझ से कई मख्मुरों की आशिकी..!!
इसी महफ़िल में फिर किसी से रूठ सी जाएगी..!!
एक शाम चुपचाप खामोश सी आएगी..
मौसीकी=music
फ़ज़ा-ए-मुर्दा-ए-दिल= Environment around a dead soul
मखमूर=Drunk
वहां दूर किनारों में आकर
बुझ जाती है आरजुओं सी लहरें..
खुदा या मेरी कालिख पर है
क्यों सफ़ेद चांदनी के पहरे..!!
अहद-ए-तरब कब ये मुख्तमिल हुआ पाएगी..!!
एक शाम चुपचाप खामोश सी आएगी..
अहद-ए-तरब=Promise of good times.
फ़ज़ा-ए-मुर्दा-ए-दिल= Environment around a dead soul
मखमूर=Drunk
वहां दूर किनारों में आकर
बुझ जाती है आरजुओं सी लहरें..
खुदा या मेरी कालिख पर है
क्यों सफ़ेद चांदनी के पहरे..!!
अहद-ए-तरब कब ये मुख्तमिल हुआ पाएगी..!!
एक शाम चुपचाप खामोश सी आएगी..
अहद-ए-तरब=Promise of good times.
मुख्तमिल=Complete
एक धुंधला सा एहसास साथ आयेगा..
फिर वो चौराहे का मकान याद आएगा..!!
आधी खुली खिड़की में जाकर
दिल फिर बेबस सा गुम-गश्ताह हो जायेगा..!!
कुछ टूटे दिल, कुछ टूटे पैमाने बाकी रख जायेगी..
एक शाम चुपचाप खामोश सी आएगी..!!
गुम-गश्ताह=missing
एक धुंधला सा एहसास साथ आयेगा..
फिर वो चौराहे का मकान याद आएगा..!!
आधी खुली खिड़की में जाकर
दिल फिर बेबस सा गुम-गश्ताह हो जायेगा..!!
कुछ टूटे दिल, कुछ टूटे पैमाने बाकी रख जायेगी..
एक शाम चुपचाप खामोश सी आएगी..!!
गुम-गश्ताह=missing
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