युं तो कभी दिलबर है, और कभी रकीब
दिल खुद ही इक मुश्किल है, खुद ही इक तरकीब
तेरा ख़याल तेरा मलाल दोनों एक समान
हकीकत की खुश्क जमीं, हसरतों का गीला आसमान
सौंधी ख्वाहिशें पिघल गईं जब भी अश्कों में नहाई
तेरे आवाज़ोंकी, तेरे दीदार की बेइंतहा तलब
दो लफ़्ज, दो स्माइली और उनके हजार मतलब
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दिल खुद ही इक मुश्किल है, खुद ही इक तरकीब
तेरा ख़याल तेरा मलाल दोनों एक समान
हकीकत की खुश्क जमीं, हसरतों का गीला आसमान
तपती सुलगती रहीं हैं उम्रभर जिंदगी की कड़ियाँ
सब्ज दिखते हैं पेड़ लेकिन, भीतर जलती हैं लकड़ियाँ
सौंधी ख्वाहिशें पिघल गईं जब भी अश्कों में नहाई
तेरी धुंदलीसी याद से भी अक्सर गहराती है मेरी तनहाई
जाड़ों की ठंडी सुबह और तेरे बाहों की रजाई
वस्ल की हर रुत वफादार, हिज्र का हर मौसम हरजाई
ख़्वाबों की पगडंडियों पे हाथों में हाथ थामकर चलना
तेरी नजदीकी से सुकून पाना, तेरी जुदाई से जी मचलना
तेरे आवाज़ोंकी, तेरे दीदार की बेइंतहा तलब
दो लफ़्ज, दो स्माइली और उनके हजार मतलब
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