आगे या पीछे नहीं, मेरे बाजू, मेरे साथ रहना तुम
ना दासी कहो ना देवी, मुझे अपना साथी कहना तुम
तुम्हारे प्यार की खातीर खुद को मिटा दुँगी लेकीन
मै अपना वजूद ही खो दूँ, ये ना कभी चाहना तुम
मुझे कईं दफा थामना, मेरी मदद भी करना मगर
खुद को मेरा मसीहा समझने के गुरूर में न बहना तुम
मेरी जिंदगी के हर अध्याय में तुम शरीक रहोगे मगर
कुछ पन्ने अकेले मेरे हैं, इस बात को भी सराहना तुम
बस एक खुबसुरत जिस्म नहीं, पुरी शख्सियत हुँ मै
जो मुझे इक चीज समझे, उन दस्तुरों को ढहना तुम
मै तुम बिन अधुरी हुँ, तुम भी मेरे बगैर मुकम्मल नहीं
मै तुम्हारी नायाब उपलब्धि, मेरा सबसे अजीज गहना तुम
माँ बहन बेटी पत्नी यही सबसे बडे किरदार नहीं मेरे
रिश्तों से परे मेरी अपनी पहचान है, ये तथ्य सहना तुम
औरत हुँ, अबला नहीं, बिलकुल तुम्हारी समकक्ष हुँ मै
तुम्हारी हमसफर हमदर्द हुँ, और मेरे हमदर्जा रहना तुम
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