जुगनू देखें तुमने?
वहाँ पेड़ोंपर कूदतें, नाचतें
यहाँ से वहाँ उड़तें
एक साथ जलतें, बुझतें
जैसे नाच रहें हों
किसी गाने की धुन पे
पता है वें क्यों चमकते हैं?
क्योंकि वें प्यार में पड़ें होतें हैं
कितनी हैरत की बात है देखो ना
लोग बस उनका चमकना देखतें हैं
किसी को उनके दिलोंमे उमड़ी
मुहब्बत नहीं दिखाई देती
तुम भी तो वैसे ही
बस चमक देखती हो
अगर प्यार देख पातीं
तो भंडारदरा के उन अंधेरों में नहीं,
दिन की भरी रौशनी में भी तुम्हे
जुगनू चमकते हुए दिखाई देतें
मेरी आँखों में.....
...
वहाँ पेड़ोंपर कूदतें, नाचतें
यहाँ से वहाँ उड़तें
एक साथ जलतें, बुझतें
जैसे नाच रहें हों
किसी गाने की धुन पे
पता है वें क्यों चमकते हैं?
क्योंकि वें प्यार में पड़ें होतें हैं
कितनी हैरत की बात है देखो ना
लोग बस उनका चमकना देखतें हैं
किसी को उनके दिलोंमे उमड़ी
मुहब्बत नहीं दिखाई देती
तुम भी तो वैसे ही
बस चमक देखती हो
अगर प्यार देख पातीं
तो भंडारदरा के उन अंधेरों में नहीं,
दिन की भरी रौशनी में भी तुम्हे
जुगनू चमकते हुए दिखाई देतें
मेरी आँखों में.....
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