मजबूरियाँ हैं कि खून सी
दौड़ती रहती हैं नस नस में
चाहतें हैं कि छलक जातीं हैं
आँसू बन के आंखोंसे
यादें हैं कि साँसों सी
मेरा बस नहीं चलता उनपे
दर्द है कि दिल सा
कराहता रहता है सीने में
हाथ की लकीरें नहीं
ये जख्म हैं जो भरतें नहीं
ये उम्र नहीं मुहब्बत है
जो दिन ब दिन बढ़ती जाती है
ये रात नहीं होती रोज
ये मेरी दुनिया है जिसमे तू नहीं
और ये चारो तरफ हवा नहीं तेरा इश्क है
दिखाई नहीं देता पर मै महसूस करता हूँ
...
दौड़ती रहती हैं नस नस में
चाहतें हैं कि छलक जातीं हैं
आँसू बन के आंखोंसे
यादें हैं कि साँसों सी
मेरा बस नहीं चलता उनपे
दर्द है कि दिल सा
कराहता रहता है सीने में
हाथ की लकीरें नहीं
ये जख्म हैं जो भरतें नहीं
ये उम्र नहीं मुहब्बत है
जो दिन ब दिन बढ़ती जाती है
ये रात नहीं होती रोज
ये मेरी दुनिया है जिसमे तू नहीं
और ये चारो तरफ हवा नहीं तेरा इश्क है
दिखाई नहीं देता पर मै महसूस करता हूँ
...
कोणत्याही टिप्पण्या नाहीत:
टिप्पणी पोस्ट करा